कूलिंग डाउन क्रिया क्या होती है उससे क्या लाभ होता है


कूलिंग डाउन क्रिया क्या होती है उससे क्या लाभ होता है


किसी भी खेल क्रिया को शुरू करने से पहले वार्म अप जितना लाभकारी होता है उतना ही लाभकारी कॉलिंग डॉन भी उस खेल क्रिया  के पश्चात किया आवश्यक होता है है जो कि शारीरिक तनाव , ब्लड सरकुलेशन , टेंपरेचर लेवल को सामान्य स्थिति में लाने के लिए कॉलिंग डाउन का प्रयोग किया जाना आवश्यक होता है 



बहुत बार हम देखते हैं कि खेल क्रिया के पश्चात चक्कर से आने लगता है व शारीरिक अंगों में ऐठन में अकड़न सी होने लगती है जिन्हें दूर करने  के लिए कॉलिंग डाउन लाभकारी होता है



 लंबे समय तक की जाने वाली अभ्यास क्रिया के दौरान हमारे शरीर में बनने वाले लैक्टिक एसिड को कम करने में भी फॉलिंग डाउन का महत्वपूर्ण योगदान होता है



शारीरिक गतिविधियों को सामान्य रखने में  खेल क्रिया से होने वाले लाभ को बनाने हेतु कॉलिंग डाउन किया जाना आवश्यक होता है



कॉलिंग डाउन के अंतर्गत हम जोगिंग जैसे फॉरवर्ड रोल बैकवर्ड रोल आदि ऐसी क्रिया कर सकते हैं जो हमारे शारीरिक तापमान को हमारी शारीरिक गतिविधियों को सामान्य स्थिति में लाने का प्रयास करें इसका प्रभाव कैपेसिटी को डिवेलप करने व  हमारे शरीर को लचकदार बनाने व खेल अभ्यास से होने वाले बेनिफिट्स को बनाए रखने के लिए आवश्यक होता है



 इसके प्रयोग से खेल अभ्यास के दौरान लगने वाली चोटू संभावनाएं भी कम हो जाती है खेल प्रक्रिया के दौरान शरीर में अकड़न को दूर कर यह लगने वाली चोटों से भी हमारा बचाव करती है



जब हम कोई व्यायाम या शारीरिक क्रिया लम्बे समय तक करते है तो हमारे आंतरिक अंगो की क्रिया भी तेज हो जाती है  रक्त शरीर के सभी अंगो में तेजी से जाता है धड़कन तेज  हो जाती है उसके बाद जब हम अचानक ही व्यायाम या शारीरिक क्रिया करना बंद कर देते है तो हमारे शरीर पर उसके दबाव बढ़ जाता है रक्त शरीर में रुक जाता है जिसके कारण हमे चककर या बेहोशी भी हो सकती है और शारीरिक थकान भी बढ़ जाती है कूलिंग डाउन (शमन ) के द्वारा हम शरीर को व्यायाम या शारीरिक क्रिया का बाद सामान्य अवस्था में लाते है   





कूलिंग डाउन ( शमन )  क्या है 


व्यायाम या शारीरिक क्रिया से सामान्य अवस्था में लौटने की क्रिया को ही कूलिंग डाउन कहते है अर्थार्त लम्बे  समय तक व्यायाम या प्रैक्टिस के पश्चात जब हम क्रिया को बंद करता है तो कूलिंग डाउन के द्वारा हमारे आंतरिक अंगो व रक्त की क्रिया को सामान्य किया जाता है जिससे व्यायाम से होना वाली शारीरिक थकान , अकड़ाहट के प्रभाव से बचते है और शरीर कुछ समय तक आराम के पश्चात कार्य करना हेतु तैयार हो जाता है 


कूलिंग डाउन के द्वारा हम व्यायाम से पहले की अवस्था में लोट जाते है तथा शरीर की थकान कम हो जाती है व्यायाम के दौरान जब हमारे शरीर की रक्त क्रिया बहुत तेज कार्य करती है  और अचानक हम  क्रिया करना  बंद करते है तो हमारे  शरीर में रक्त रुक जाता है जो थकान , कमजोरी, चककर आदि  कारण होता है इसलिए व्यायाम के बाद कूलिंग डाउन जरूरी है कूलिंग डाउन वार्म उप के  जितना ही जरूरी होते है बस कूलिंग डाउन की क्रिया वार्मअप से उलटी होती है आगे में आपको कूलिंग डाउन के अंतर्गत कौन  सी क्रिया व योग आसन किये जाते है उनके बारे में बताऊगा    


कूलिंग डाउन के अंतर्गत किए जाने वाले व आसन 


1- शवासन  

शवासन के अंतर्गत हमे फर्श , योग मेट आदि पर पीठ के बल लेटकर हाथो व पैरो को थोड़ा सा खोलते है और आखे बंद रखते है 30 सेकंड तक ज्यादा जानने हेतु यह क्लिक करे 



-हलासन 

शवासन के पश्चात हम अपना हाथ को कमर से मिलाकर अपने पैरो को मिलाकर उठाते हुआ अपने सिर के पीछे मिलाते  है कुछ सेकंड  रुकने के पश्चात हम फिर से पैरो को पहली अवस्था में लाकर दोहराते है िश क्रिया को हम 8-10 बार करना चाहिए  ज्यादा जानने हेतु यह क्लिक करे



-सर्वांगासन 

हलासन  की क्रिया में जब हम पैरो को सर का पीछे ले जाते है तब हमे अपने हाथो से कमर को सहारा देते हुए पैरो व् कमर को 90' एंगल पर उठाते है 


2 -मकरासन 

मकरासन के दौरान हम छाती के सहारे उलटे लेटते है और पैरो को थोड़ा सा खोलकर हाथो की बाजु से आखो को ढक लेते है 




-भुजंगासन 

इस आसन में हम मकरासन से अपने पैरो को मिलाकर हाथो को कंधो के बराबर रखकर छाती और सर को पीछे की और करते है ज्यादा जानने हेतु यह क्लिक करे 



 
इन सभी आसन से हम अपने शरीर की क्रिया को सामान्य कर  सकते है  साथ ही हम  इन सभी आसन से खुद को स्वस्थ भी रख सकता है इन सभी आसन से शरीर को लचीला और शारीरिक फिटनेस भी प्राप्त कर स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते है 

 



 




  


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